Heatwave Lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव के तीन चरण पूरे हो चुके हैं. मई के महीने में अभी एक चरण और दो फेज अप्रैल में पूरे हुए हैं. मई में गर्मी और बढ़ेगी, ऐसे में उसका असर अभी दिखना बाकी है लेकिन अप्रैल के आंकड़े तो आ गए हैं. ऐसे में यह समझना दिलचस्प है कि शुरुआती दोनों फेज में गर्मी ने मतदान प्रतिशत को कितना प्रभावित किया? ध्यान रहे कि अब तक तीनों फेज में मतदान का प्रतिशत 2019 की तुलना में कम ही रहा है.
गर्मी में ही क्यों होते हैं चुनाव?
यह सवाल आपके मन में भी आ सकता है. वैसे, पहला आम चुनाव सर्दी के मौसम में हुआ था. हालांकि 2004 से अप्रैल-मई के महीने में लोकसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. इसकी वजह अलग-अलग है. अब तक के इतिहास को देखें तो मध्यावधि चुनाव के कारण वोटिंग का सीजन बदला. TOI के विश्लेषण से पता चला है कि इस बार दोनों फेज में गर्मी का असर कम था फिर भी मतदान प्रतिशत कम रहा.
पहले गर्मी का मीटर जानिए
गंभीर रूप से ज्यादा: 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान और सामान्य से अधिकतम 5.1 डिग्री सेल्सियस ऊपर.
बहुत ज्यादा: 42 डिग्री से ज्यादा तापमान और सामान्य तापमान से 3.1-5 डिग्री सेल्सियस ऊपर या 40 डिग्री से ज्यादा और सामान्य से अधिकतम 5.1 डिग्री अधिक तापमान.
ज्यादा: 40 डिग्री से ज्यादा और सामान्य से अधिकतम 3.1-5 डिग्री ज्यादा या 40 डिग्री से नीचे तापमान और सामान्य से अधिकतम 5.1 डिग्री ज्यादा
मध्यम: 40 डिग्री से ज्यादा तापमान और सामान्य से 1.6-3 डिग्री ऊपर.
कम: 40 डिग्री सेल्सियस से कम और सामान्य से अधिकतम 1.6-3 डिग्री ऊपर.
अब बात पहले चरण के आम चुनाव की
दूसरे चरण में गर्मी का गणित
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.